कोरोना के नए वैरिएंट ने बढ़ाई चिंता, चार देशों में फैला
ह्यूस्टन मेथोडिस्ट अस्पताल के डायगोनस्टिक माइक्रोबायोलॉजी विभाग के निदेशक डॉ. एस वेसले लॉन्ग ने बताया कि बीए.2.86 वैरिएंट कोरोना के शुरुआती वैरिएंट से ही बना है।
नई दिल्ली। (आरएनआई) कोरोना वायरस के एक नए और उच्च म्यूटेटेड वैरिएंट का वैज्ञानिकों ने पता लगाया है। इस वैरिएंट को बीए.2.86 नाम दिया गया है। कोरोना के इस वैरिएंट को लेकर स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने गहरी चिंता जाहिर की है। बता दें कि जुलाई के अंत से अब तक इस वैरिएंट के चार अलग-अलग देशों में मरीज मिल चुके हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, कोरोना के नए वैरिएंट बीए.2.86 का एक-एक मरीज अमेरिका, ब्रिटेन और इस्राइल में मिल चुका है। वहीं डेनमार्क में इस वैरिएंट से संक्रमित तीन मरीज मिले हैं।
वैज्ञानिक इस वैरिएंट पर करीब से नजर रखे हुए हैं। इसकी वजह ये है कि इस वैरिएंट में 36 म्युटेशन दिखे हैं, जो इसे कोरोना के मौजूदा प्रभावी कोरोना वैरिएंट एक्सबीबी.1.5 से इसे अलग करते हैं। हालांकि अभी तक इस बात के सबूत नहीं मिले हैं कि कोरोना का यह नया वैरिएंट तेजी से फैलता है और लोगों को गंभीर रूप से बीमार करता है लेकिन अमेरिका के सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन सेंटर ने नए वैरिएंट को देखते हुए लोगों को कोरोना गाइडलाइंस का पालन करने की अपील की है।
ह्यूस्टन मेथोडिस्ट अस्पताल के डायगोनस्टिक माइक्रोबायोलॉजी विभाग के निदेशक डॉ. एस वेसले लॉन्ग ने बताया कि बीए.2.86 वैरिएंट कोरोना के शुरुआती वैरिएंट से ही बना है। ऐसे में यह उन वैरिएंट से अलग है, जिनसे लड़ने के लिए हमारी वैक्सीन बनी हैं। ऐसे में अगर बीए.2.86 वैरिएंट ने खतरनाक रूप लिया तो हो सकता है कि इससे कोरोना महामारी की नई लहर आ जाए और खतरनाक बात ये होगी कि मौजूदा वैक्सीन भी उस पर उतनी असरकारक नहीं होगी।
हाल के समय में अमेरिका, यूरोप और एशिया में कोरोना के मामले बढ़े हैं और अधिकतर मरीजों में कोरोना के ओमिक्रोन के ईजी.5 सबवैरिएंट का संक्रमण मिला है। ओमिक्रोन वैरिएंट पहली बार नवंबर 2021 में मिला था और उस दौरान अमेरिका में कोरोना संक्रमित होने वाले लोगों में 17 प्रतिशत मरीज ओमिक्रोन वैरिएंट से संक्रमित हुए। अभी कोरोना से संक्रमित लोगों की संख्या में इजाफा हुआ है लेकिन राहत की बात ये है कि अस्पताल में भर्ती होने वाले लोग अभी काफी कम हैं लेकिन बीए.2.86 को लेकर आशंका जताई जा रही है कि इससे संक्रमित मरीज गंभीर रूप से बीमार हो सकते हैं।
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